Dolo 650 Tablet Uses In Hindi

 डोलो 650 - "कोरोना महामारी में सबके मुँह पे एक ही नाम"

    आमतौर पर जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तो हम डॉक्टर के पास दवा या इलाज के लिए जाते हैं। इस उपचार में, डॉक्टर के पर्चे में लिखी दवा विदेशी भाषा में लिखी हुई लगती है और डॉक्टर या फार्मासिस्ट ने नाम भी लिखा हो तो भी हम देखके भी ठीक से उच्चारण नहीं कर पाते हैं। इस कोरोना में एक दवा दिमाग में आई है, जैसे भगवान ने हर इंसान की डॉक्टर बनने की इच्छा पूरी कर दी हो, और जैसे कोई अपनी Health समस्या व्यक्त कर रहा हो और उनका बोलना अभी ख़तम भी ना हुआ हो, तब झटसे हमारे मुँहसे निकल पड़े "डोलो" (DOLO)  हम इस दवा का नाम भी इतनी सटीकता से देते हैं कि इस दवा के बारे में किसी को पता नहीं है और जैसे हम ही कोई डॉक्टर हो |

    हम सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी में मानव जाति के साथ क्या हुआ। लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई है और लाखों लोग इस बीमारी के शिकार हुए हैं। यह रोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) पर इस हद तक हमला करता है कि शरीरका पूरा रक्षात्मक तंत्र अपने घुटने टेक देता है शुरुआत में जब हमारा शरीर इस वायरस से लड़ता है तब अगर, हमारे शरीर को एक छोटा सा बाहरी सहारा भी दिया जाए, तो ज्यादातर मामलों में हमारा शरीर कोरोना या इसी तरह के सैकड़ों वायरस को हरा देगा। बस, इसी प्रकारसे हमारी यह डोलो दवाई हमे मदद करती है | 

    आज हम डोलो नाम के इस कोरोना हीरो के बारे में जानने जा रहे हैं। यह डोलो क्या है? यह कहां से आती है? कौन बनाता है? यह इस तरह की अन्य दवाओं से कैसे अलग है? और किन कारणों से यह DOLO हमें कोरोना जैसी भयानक बीमारी से बचा रहा है? हम यह भी पता लगाएंगे कि इस दवा के विभिन्न उपयोग क्या हैं और इसके बार-बार उपयोग से क्या नुकसान हो सकते हैं?

डोलो-650 (Dolo-650) क्या है?

    डोलो-650 एक सामान्य एनाल्जेसिक/ analgesics (दर्द निवारक) और ऐंटीपेरेटिक /antipyretic (बुखार को कम करने के लिए) है, डॉक्टरों द्वारा सिरदर्द, माइग्रेन, दांत दर्द और मासिक धर्म में ऐंठन, जोड़ों या हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में दर्द के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। मास-पेशीमें दर्द और बुखार में कमी सहित हल्के से मध्यम दर्द की शिकायतोंमें यह दवा दी जाती है। जब हमारे शरीर में कोई अस्वाभाविक स्थिति विकसित हो जाती है या कोई बाहरी जीवाणु या वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है और शरीर को नुकसान पहुंचाने या चोट पहुंचाने की कोशिश करता है, तो शरीर में "प्रोस्टाग्लैंडिन्स" (prostaglandin)  नामक एक रासायनिक स्राव फैल जाता है जिससे हमें दर्द या बुखार महसूस होता है। 

    प्रोस्टाग्लैंडिंस(prostaglandin) के भी कई फायदे हैं और दर्द, सूजन और बुखार का कारण बनते हैं। डोलो 650 में सबसे महत्वपूर्ण घटक पेरासिटामोल (Paracetamol) है जो प्रोस्टाग्लैंडीन(prostaglandin) को शरीर और मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकता है। साथ ही एंटीपायरेटिक (antipyretic) सामग्री हमारे मस्तिष्क में तापमान विनियमन केंद्र को रीसेट करनेका काम करती है।

पैरासिटामोल (Paracetamol) क्या है और इसकी खोज कब हुई थी?

    डोलो 650 दवा में मुख्य रसायन "पैरासिटामोल"(Paracetamol) है और इसे एसिटामिनोफेन (acetaminophen) के रूप में भी जाना जाता है। पेरासिटामोल (Paracetamol) अन्य दवाओं जैसे इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और कैफीन की तुलना में कम प्रभावी लेकिन कम हानिकारक है। पैरासिटामोल का उपयोग अक्सर एस्पिरिन और कैफीन के संयोजन में भी किया जाता है।

    सबसे पहले पेरासिटामोल को 1877 में हार्मन नॉर्थ्रॉप मोर्स (Harmon Northrop Morse) द्वारा विकसित किया गया था, लेकिन 1887 में जोसेफ वॉन मेरिंग (Joseph von Mering) द्वारा मनुष्यों के साथ-साथ इसकी प्रभावकारिता का परीक्षण किया गया, जिससे जोसेफ मेरिंग पेरासिटामोल(Paracetamol) का पहला आविष्कारक बन गए। 

    इसके बाद जर्मन बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी बायर (Bayar) ने दवा के रूप में सबसे पहले पैरासिटामोल(Paracetamol) बनाना शुरू किया। पैरासिटामोल(Paracetamol) को 1955 के बाद दुनिया भर में विकसित किया गया था जिसे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के घर पर इस्तेमाल किया जा सकता था। पेरासिटामोल(Paracetamol) की खोज के बाद 70 वर्षों तक यह बिना किसी अन्य महत्वपूर्ण शोध के लोगों को दिया गया है, जिसके बाद विभिन्न देशों में कई मनुष्यों पर इसके हानिकारक प्रभावों के कारण विभिन्न देशों में इस रसायन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

  यू.एस./U.S. एफ.डी../F.D.A. (Food and Drug Administration) ने पेरासिटामोल(Paracetamol) पर कई शोधों के आधार पर कैंसरजन्यता की क्षमता के कारण कई प्रकार के पेरासिटामोल(Paracetamol) के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही दुनिया भर के कई देशों में पेरासिटामोल(Paracetamol) की अधिक मात्रा और कई अन्य दुष्प्रभावों के कारण पैरासिटामोल के उपयोग पर आंशिक प्रतिबंध है।

डोलो 650 (DOLO-650) कौन सी कंपनी बना रही है? और इसका इतिहास...

    डोलो 650, आज एक बहुत ही लोकप्रिय और आम दवा है, जिसका निर्माण भारत में बैंगलोर स्थित कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड (Micro Labs Limited) द्वारा किया जा रहा है। कोरोना में बुखार और लक्षणों के लिए सबसे अच्छा और सबसे कारगर इलाज यह डोलो-650 दवा है जो 90 के दशक से बाजार में है। माइक्रो लैब्स लिमिटेड के संस्थापक श्री जी. सी. सुराणा ने 1973 में चेन्नई में इस कंपनी की शुरुआत की थी। इससे पहले सुरानाजी दिल्ली में एक दवा कंपनी में कार्यरत थे। आज उनके बेटे दिलीप सुराणा उनकी जगह कंपनी संभाल रहे हैं। 

    कोरोना के विकट हालात के बीच सुरानाजी की कंपनी माइक्रो लैब्स द्वारा बनाई गई डोलो-650 ने खूब धंधा किया और फिलहाल चर्चा में है. एक सर्वे के मुताबिक, कंपनी ने भारत में कोरोना के बादसे करीब 350 करोड़ की दवाएं बेची हैं, जिसकी तुलना लोग बुर्ज खलीफा टावर की ऊंचाई से कर रहे हैं. आज माइक्रो-लैब में काम करने वाले लगभग 9,200 कर्मचारियों के साथ, कंपनी का अनुमानित वार्षिक कारोबार 2,700 करोड़ रुपये है, जिसमें 920 करोड़ रुपये का निर्यात भी शामिल है।

डोलो 650 दवा इतनी लोकप्रिय क्यों है? और यह अन्य प्रतिस्पर्धी दवाओं से कैसे भिन्न है?

    डोलो 650, 2 साल की उम्र से लेकर किसी भी उम्र के लोगों के लिए बहुत ही प्रभावी दवा है, जिसके बहुत कम साइड इफेक्ट होते हैं। सिरदर्द, माइग्रेन, दांत दर्द, मासिक धर्म में ऐंठन, जोड़ों या हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और बुखार सहित हल्के से मध्यम दर्द की शिकायतों के लिए दवा का उपयोग "कई समस्या लेकिन एक समाधान" के रूप में किया जा सकता है।  

    यह दवा अपनी अन्य प्रतिस्पर्धी दवाओं की तुलना में बहुत सस्ती है और चूंकि यह 30 वर्षों से अधिक समय से बाजार में है, इसलिए यह पूरे भारत में आसानी से पूर्ण स्टॉक के साथ उपलब्ध है। यह दवा किसी भी अन्य दवा की तुलना में कहना या याद रखना आसान है और लोग इसे सीधे मेडिकल स्टोर से खरीद रहे हैं और दूसरों को भी इसका इस्तेमाल करने का सुझाव दे रहे हैं।

क्या डोलो 650 के कोई साइड इफेक्ट हैं?

    डॉक्‍टर की प्रिस्‍क्रिप्‍शन के बिना कोई भी पैरासिटामोल दवा लेना हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है लेकिन डोलो 650 के साइड इफेक्‍ट दूसरे पैरासिटामोल से काफी कम होते हैं। पेरासिटामोल दवा पर हुए शोध के अनुसार अगर हमारे शरीर में इस रसायन का अधिक मात्रा में उपयोग किया जाए तो यह दवा हमारे लिए धीमा जहर बन सकती है। 

    जो लोग शराब पीते हैं, उनके लिए पैरासिटामोल उनके लीवर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए डॉक्टर भी लोगों को दवा लेने से पहले या बाद में शराब न पीने की सलाह दे रहे हैं। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पैरासिटामोल कम या बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। लिवर और किडनी की बीमारी वाले लोगों को भी डॉक्टरों द्वारा पेरासिटामोल देने से मना किया जाता है। यही वजह है कि आज दुनिया के अलग-अलग देशों में पेरासिटामोल की बैंडिंग और इसका सीधा इस्तेमाल वर्जित है।

Dr. Hardik B. Ramani

Follow Me on YouTube: Knowledge4 All

Follow Me on Blogger: https://www.drhbramani.com/

Follow me on Facebook: https://www.facebook.com/drhbramani

Mo: 8980001554

Email: hardik.ramani@gmail.com

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

No comments:

Today's Knowledge

True Happiness for any Human being.... સાચું સુખ શું છે?

 આજના સમય મુજબ કોઈ કહી શકે કે , What is True Happiness for any Human being ?? આજની સાચી દુનિયા એટલે , સોશિયલ મીડિયા.. અને જ્યારથી લોકો...

Reader's Choice